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बैंक द्वारा बीमा पालिसी जबरदस्ती देना

Complain ID : CCN031442   23  

Banks Complaint Complaint Date: January 27, 2019
  • State :  Uttarakhand
  • City :  Khatima
  • Address: Vill. & Post.- Nausar, Teh.- Khatima, Dist.- Udham Singh Nagar
सेवा में
श्रीमान न्यायाधीश महोदय


प्रार्थी एक गरीब किसान परिवार से है जो कि अपने तीन बच्चो (2 बेटियां व 1 बेटा ) व पत्नि के साथ थोड़ी सी खेती से गुजर बसर करता है। प्रार्थी की और कोई अतिरिक्त इनकम नहीं है। पांच लोगो का परिवार मात्र एक एकड़ खेती पर ही निर्भर करता है।

सन 2016 में प्रार्थी ने अपने उत्तराखंड ग्रामीण बैंक झनकट ब्रांच में जो कि स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के अंतर्गत आता है में लोन की लिमिट बढ़ाने हेतु आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किये थे।
बैंक मैनेजर द्वारा कहा गया की लोन की लिमिट बढ़ने हेतु एक जीवन बीमा जो कि बैंक द्वारा होगा आवश्यक रूप से लेना पड़ेगा उसके बाद ही लोन की लिमिट बढ़ना संभव होगा अन्यथा नहीं।

महोदय मुझे आवास निर्माण हेतु अतिरिक्त लोन की सख्त आवश्यक्ता थी क्युंकि मेरे पास रहने के लिए घास फूस का कच्चा मकान था। अतः कुछ पैसा मेरे पास जमा था व कुछ कर्ज बैंक से लेकर मैंने पक्की ईट की दीवारों के साथ सीमेंट की चादरयुक्त छत का 2 कमरों का मकान बनाया। जिसके लिए मुझे न चाहते हुए भी बैंक द्वारा जबरदस्ती यस बी आई लाइफ की बीमा पालिसी को स्वीकार करना पड़ा।

महोदय प्रार्थी पांचवी तक पढ़ा हुआ है और पालिसी बॉन्ड अंग्रेजी में लिखित है अतः बैंक मैनेजर जी के द्वारा जो कुछ भी बताया गया मुझे मानना पड़ा। मौखिक रूप से कहा गया की इसका भुगतान प्रति वर्ष देय तिथि आने पर स्वतः ही बैंक के द्वारा आपके उक्त खाते से कर दिया जायेगा।

मेरे बार बार आग्रह करने पर कि साहब मैं किसान आदमी हूँ और मेरी फसल साल में दो बार ही आती है तभी इसका भुगतान संभव होगा अतः आप इसको नवम्बर में धान की फसल आने पर अथवा मई में गेहूँ की फसल आने पर ही बीमा को चालू कीजिये। मैनेजर साहब ने इसका ख्याल किये बिना जनवरी माह में बीमा पालिसी चालू किया जिसमे मेरे को प्रति वर्ष विलम्ब शुल्क के साथ भुगतान गेहूँ की फसल आने पर देना होता है।

सन 2017 आने पर बीमा हेतु देय रकम का भुगतान विलम्ब शुल्क के साथ 14.07.2017 को मेरे खाते से बैंक द्वारा काट लिया गया। सन 2018 में मेरे खाते से कोई भी भुगतान इस सम्बन्ध में बैंक द्वारा नहीं हुआ। मेरे बार बार कहने पर मुझे आस्वासन दिया जाता रहा कि आप चिंता न करे यह हमारा काम है हम इसे स्वतः ही कर देंगे।

महोदय जब मैंने लोगों से पूछ ताछ कर एस बी आई लाइफ दफ्तर में जाकर जांच पड़ताल की तो मुझे पता चला की पहली क़िस्त 05.01.2016 के बाद कोई भी क़िस्त मेरे बीमा खाते में जमा नहीं हैं। जब मैंने जानना चाहा कि क्या मैं मेरा जो पैसा एस बी आई लाइफमें जमा है उसे वापस पा सकता हूँ तो एस बी आई लाइफकर्मचारी का कहना है कि आपकी पालिसी पूर्णतः बंद हो चुकी है अब न तो यह पुनः चालू हो सकती है और न ही कोई पैसा वापस मिलेगा।

महोदय अभी तक बैंक की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गयी है अभी भी रोज नए नए आश्वासन दिए जा रहे हैं।

मेरी क्लेम राशि इस प्रकार है।
1) प्रथम क़िस्त 153378 + 8.5% ब्याज+मेरे क्रेडिट अकाउंट का ब्याज आज की तिथि तक।
2) द्वितीय क़िस्त 16113 + 8.5% ब्याज+मेरे क्रेडिट अकाउंट का ब्याज आज की तिथि तक।
3) मेरा जनवरी 2016 से जनवरी 2018 तक मेरा बहुमूल्य समय जो कि बीमा में लगाया।
4) इसके लिए पूछ ताछ हेतु बैंक के चक्कर लगते हुए मेरी मजदूरी व फ़ोन बिल।
5) बैंक द्वारा गुमराह करने हेतु व इसके क्लेम हेतु मेरा लगा हुआ समय व धन।

उपर्युक्त के हिसाब से जो भी न्यायोचित हो।

निवेदन :- न्यायाधीश महोदय से निवेदन है की मेरी दयनीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए मेरे साथ उचित न्याय किया जाये व उचित दावा राशि बैंक द्वारा दिलवाई जाय।

संलग्नक दस्तावेज:-
1) बैंक पासबुक की प्रति
2) बीमा पालिसी की प्रति


आपका हृदय से धन्यवाद।
प्रार्थी:- रामगोपाल वर्मा
संपर्क:- 8445218588, 7351476620
ई -मेल:-premshanker.verma@rediffmail.com

Complaint Against : UTTRAKHAND GRAMIN BANK (BRANCH-JHANKAT 503)

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